प्रियंका श्रीवास्तव

प्रियंका श्रीवास्तव

मंगलवार, 17 मई 2011

इंटर्नशिप में देखा !

प्रियंका अपनी इंटर्नशिप के लिए उदयपुर "नारायण सेवा संस्थान " नाम के अस्पताल में गयी थी, उसमें जो भी उन्हें लगा क्योंकि इससे पहले तो दिल्ली के ही अस्पतालों में ये काम किया था।

जब सर पर नहीं है कोई जिम्मेदारी,
तो आँखों होंगी ही सबकी भारी भारी.

कुछ तो होता काम चाहे ज्यादा या कम
हे भगवान कहाँ से कहाँ आ गए हम.

यहाँ तो बैठे बैठे सोते हैं हम फिर
अपनी किस्मत को रोते हैं हम.

इसके लिए की हमने कितनी लड़ाई
इसी के लिए ले ली थी सबसे बुराई।

न खाने का ठिकाना न पीने का स्रोत
दोष है इस जगह का या किस्मत का खोट।

2 टिप्‍पणियां:

  1. न खाने का ठिकाना न पीने का स्रोत
    दोष है इस जगह का या किस्मत का खोट।

    बहुत सही बात कही है प्रियंका जी ने.

    सादर

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  2. इसके लिए की हमने कितनी लड़ाई
    इसी के लिए ले ली थी सबसे बुराई।
    .........बहुत सही बात कही है प्रियंका जी

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