tag:blogger.com,1999:blog-3884617555675412779.post5561714693453856203..comments2023-10-09T05:34:28.530-07:00Comments on अंतर्वेदना: इंटर्नशिप में देखा !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3884617555675412779.post-33772176726935245732011-05-19T07:06:32.109-07:002011-05-19T07:06:32.109-07:00इसके लिए की हमने कितनी लड़ाई
इसी के लिए ले ली थी सब...इसके लिए की हमने कितनी लड़ाई<br />इसी के लिए ले ली थी सबसे बुराई।<br />.........बहुत सही बात कही है प्रियंका जीसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3884617555675412779.post-29229357906692552922011-05-18T01:13:30.098-07:002011-05-18T01:13:30.098-07:00न खाने का ठिकाना न पीने का स्रोत
दोष है इस जगह का ...न खाने का ठिकाना न पीने का स्रोत<br />दोष है इस जगह का या किस्मत का खोट।<br /><br />बहुत सही बात कही है प्रियंका जी ने.<br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.com